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खरगोन बस दुर्घटना ,बस संचालक गिरफ्तार

आशुतोष पुरोहित
खरगोन 11 मई :;अभी तक;  मध्य-प्रदेश के खरगोन जिले के ऊन थाना क्षेत्र में हुई भीषण बस दुर्घटना के तीसरे दिन आज दोपहर बस मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर खरगोन विधायक रवि जोशी ने दुर्घटना में घायल यात्रियों से उपचार के दौरान राशि लेने के आरोप लगाये हैं।
खरगोन के अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) राकेश मोहन शुक्ला ने बताया कि आज दोपहर बस संचालक प्रवीण सोहनी को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने बयान दिए हैं कि बस का चालक सुनील राठौर शराब के नशे में था। उन्होंने बताया कि उसके रक्त का नमूना जांच हेतु भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट आना शेष है। उन्होंने बताया कि वह पुलिस हिरासत में एक निजी अस्पताल में उपचार रत है।
उन्होंने बताया कि ओवरलोड बसों, अनफिट वाहनों, और शराब का सेवन कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है।
उधर खरगोन विधायक रवि जोशी ने गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकारों को बताया कि घटना के बाद घायल हुए लोगों का उपचार निशुल्क कराए जाने के निर्देश थे लेकिन इसके बावजूद उनसे राशि वसूली जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि दुर्घटना के बाद घायल हुई महिला ममता बाई पाटीदार से सीटी स्कैन कराए जाने के ₹1080 लिये गए और रसीद भी नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि खरगोन जिले के शिंदखेड़ा निवासी महिला की मृत्यु होने के बाद उसका शव धार जिले के धर्मपुरी क्षेत्र में ले जाया गया और जिस वाहन से उसका शव ले जाया गया उसके वाहन चालक ने ₹1000 लिये गये।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि दुर्घटना में 11 माह के एक बच्चे की मृत्यु हुई थी उसके माता-पिता दिनेश व सावित्री को घायल अवस्था में इंदौर के सीएचएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उन्हें अपने उपचार के 44,000 रु भरने पड़े। उन्होंने इसके संबंध में रसीदें भी उपलब्ध करायी। उन्होंने बताया कि इसके बाद दंपति को इंदौर के गीता भवन स्थित दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह से कल इंदौर में उपचार रत रहने के बाद मृत हुए मुख्तियार के परिजनों से भी एक लाख रु वसूले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री समेत प्रभारी मंत्री ने घायलों के समुचित निशुल्क उपचार के निर्देश दिए थे इसके बाद भी इस तरह की असंवेदनशीलता चिंताजनक है।
उन्होंने  प्रभारी मंत्री कमल पटेल और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह का इस्तीफा भी मांगा।
इस संबंध में खरगोन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दौलत सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें सिविल सर्जन अमर सिंह चौहान ने बताया है कि दुर्घटना के बाद जिला अस्पताल में बहुत भीड़ हो गई थी और पीपीपी मॉडल के तहत कार्यरत सीटी स्कैन संचालकों ने उनके दस्तखत नहीं होने के चलते एक महिला के परिजनों से राशि ली थी।
उन्होंने बताया कि दुर्घटना के दिन 24 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया था और जिला अस्पताल की दो शव वाहनों के अलावा अन्य निजी शव वाहनो व एम्बुलेंस के माध्यम से शवों को पहुंचाया गया था। इस मामले में यदि विधायक या मृतक के परिजन उन्हें स्पष्ट जानकारी देते हैं तो उसकी जांच के उपरांत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अन्य स्थानों पर किसी मरीज से राशि लिए जाने की सूचना नहीं है। सिविल सर्जन अमर सिंह चौहान ने भी कहा कि निर्देशों के अभाव में पीपीपी मॉडल के सीटी स्कैन संचालक ने शुरुआती दौर में एक दो लोगों से राशि के लिए जाने के बाद किसी से भी राशि नहीं ली गई।
जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन व संबंधित विभागों के अधिकारी दुर्घटना के उपरांत इसे पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि खरगोन जिला अस्पताल में लाए गए घायलों में से 19 को एम वाय अस्पताल इंदौर रेफर किया गया था लेकिन उनमें से अधिकांश वहां न जाते हुए इंदौर तथा खरगोन के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती हो गए।
जिला कलेक्टर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पहुंचे प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने खरगोन में घोषणा की कि समस्त घायलों का उपचार निशुल्क किया जाएगा। इस दौरान निजी अस्पतालों में पहुंचे घायलों के परिजनों से अस्पताल संचालक राशि ले चुके थे। जैसे ही इस बात का पता चला, उन्होंने संबंधित अस्पतालों को निर्देश दिए कि घायलों का उपचार निशुल्क होगा।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में इंदौर के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती घायलों को लेकर जिला कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी से भी चर्चा की गई थी और उन्होंने तत्परता से इंदौर के सीएमएचओ के माध्यम से विभिन्न अस्पतालों को सूचित कर उपचार निशुल्क कराना सुनिश्चित कराया है। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजन व घायलों को कल ही 1.18 करोड़ रुपए प्रदान किए गए हैं । उन्होंने कहा कि किसी से भी यदि राशि ली गई होगी तो उसे तत्काल रिफंड किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के उपरांत समस्त विभाग युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अनफिट वाहन, ओवरलोड वाहन तथा नशे में पाए जाने वाले चालक के 100 से अधिक वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है। जिला कलेक्टर ने बताया कि चेन्नई की सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रोड सेफ्टी तथा भोपाल की पुलिस ट्रैफिक ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीमों द्वारा जांच कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिस की अनुशंसा के आधार पर सड़क,पुल व अन्य सुधार किए जाएंगे। इसके अलावा आज परिवहन आयुक्त एसके झा ने भी मौके का निरीक्षण कर संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए।
आज बस संचालकों द्वारा लंबी दूरी की ही सवारी को बैठाया गया ताकि बस में ओवरलोड ना हो। इसके चलते छोटी दूरी के यात्री परेशान हुए।
उल्लेखनीय है कि 9 मई की सुबह  खरगोन जिले के ऊन थाना क्षेत्र के डोंगर गांव के समीप स्थित बोराड़ नदी की पुल से निजी यात्री बस के गिर जाने के चलते 25 यात्रियों की मृत्यु हो गई तथा 46 अन्य घायल हो गए थे। घायलों में 15 अभी भी इंदौर तथा खरगोन के विभिन्न अस्पतालों में उपचार रत हैं।

 

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