प्रदेश

धान चुराकर राईस मिलर्स को ही बेचने वाला गिरोह पकड़ाया

आनंद ताम्रकार

बालाघाट 25 मे ;अभी तक;  वारासिवनी पुलिस ने सरकारी तथा निजी वेयर हाउस एवं ओपन केप में भण्डारित धान की चोरी करने वाले एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो धान चुराकर राईस मिलर्स को ही बेच दिया करते थे। उनके द्वारा धान चोरी का यह सिलसिला कई वर्षो से चलाया जा रहा था राईस मिलर्स को इस गिरोह की कारगुजारियों का पहले से ही पता था लेकिन इनके द्वारा चुराई गई धान राईस मिलर्स ही खरीद रहे थे।

खरीदी मूल्य से कई गुना कम मूल्य में चोरी की धान खरीदने वाले और धान चुराने वाले गिरोह को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।

                           तरुण सोनेकर एएसआई वारासिवनी ने बताया की पलास सोमानी पिता गागनदास सोमानी आकाश इंडस्ट्रीज मेंहदीवाडा खापा ने शिकायत दर्ज कराई थी की उसके द्वारा किराये पर लिये गये सुराना वेयर हाउस से जहां वे धान तथा चावल का भंडारण करते है वहां से 600 बोरी धान चोरी हो गई है जिसकी कीमत लगभग 2 लाख रुपये है।

शिकायत के पश्चात जांच करने पर इस मामले से जुडे़ आरोपियों को 3 ट्रक सहित चोरी किये गये धान की मात्रा बरामद की गई है एक आरोपी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।

पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफतार किया उनमें दुर्गेश पिता प्रेमलाल सेंदरे 35 वर्ष, दुर्गेश पिता परदेशी बाहेश्वर 22 वर्ष, मोनिश पिता जगदीश खण्डेलकर 22 वर्ष, दीपक पिता नेपालचंद बंसोड 32 वर्ष, राजकुमार पिता बारेलाल वरकडे़ 25 वर्ष सभी पाचों आरोपी मेंहदीवाड़ा एवं ट्रक मालिक प्रणय पिता राजेश अग्रवाल नवेगांव थाना खैरलांजी तथा 2 अन्य ट्रक जो वारासिवनी तथा उत्तर प्रदेश के बताये गये है इनके 2 ट्रक चालकों को भी गिरफतार किया गया है जबकि 1 अन्य ट्रक चालक फरार है।

यह उल्लेखनीय है की पुलिस की गिरफत में आये आरोपी जिन्हें कल न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है वे राईस मिलों तथा ओपन केप में मजदूरी करते है। इनके द्वारा इस तरह की कारगुजारी कई दिनों से की जा रही है इस संबंध में राइस मिलर्स के संगठन की ओर से लिखित शिकायत एसडीएम वारासिवनी,पुलिस थाना वारासिवनी तथा वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित की गई थी की ओपन केप से भण्डारित की गई धान की चोरी की जा रही है जिसे बाहर बेचा जा रहा है। लेकिन शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई।

पकडे गये आरोपियों से और पूछताछ की गई तो धान चोरी के कई मामलों को खुलासा होगा तथा कई नामचीन राईस मिलर्स के नाम प्रकाश में आयेगें। लेकिन राजनेताओं के दबाव के चलते इस मामले सहित पिछले कई मामलों पर लीपापोती करने की कवायद की जा रही है।

Related Articles

Back to top button