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भगवान श्री कृष्ण सुदामा की मित्रता के चरित्र को सुनकर भावविभोर हुए श्रोता

दीपक शर्मा

पन्ना २७ अप्रैल ;अभी तक; पन्ना शहर के डायमंड चौराहा कृष्ण कुंज कॉलोनी में वन कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष महीप रावत के निज निवास पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है।

                                 कथा के आज अंतिम दिवस कथावाचक पंडित श्री विजय कृष्ण व्यास जी महाराज ने कथा की शुरूआत करते हुए कहा कि कथा के माध्यम से भगवान की भागवत कथा सुनते है हम बच्चों को भगवान की कथा सुन कर बहुत सारी प्रेरणा बहुत सारा ज्ञान प्राप्त होता है। इसलिए जो बचपन में कथा सुनते है उनका पूरा जीवन संवरता है। जीवन संवर जाए जीवन सत्मार्ग पर चले इसलिए भगवान की कथा जब जितना जल्दी अवसर मिल जाए तभी से सुनना प्रारम्भ कर देनी चाहिए। हम भगवान श्री राम कृष्ण को पूजते है भगवान श्री राम की हम पूजा करते है श्याम सुंदर भगवान की हम पूजा करते है दोनों ही जो है अपने अपने माता पिता को बड़ा स्नेह करते है और उनका आदर करते है। महाराज ने कहा कि अगर फसल में बीज की देखभाल ढंग से न की जाए, सही से पानी न दिया जाए तो खेत में फसल खराब हो जाती है। और बच्चों में संस्कार अच्छे नही होगें तो उनकी आने वाली पीढी भी बर्बाद हो जाती है। कई बार जवानी में हम लोग इन सब की बातो का ध्यान नहीं करते है और आंगे चलकर बच्चे गलत राह पर चले जाते है। कथा व्यास पंडित श्री विजय कृष्ण व्यास जी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा जी की मित्रता का आज भी उदाहरण दिया जाता है, उनकी मित्रता एक मिसाल थी और हर व्यक्ति को भगवान श्री कृष्ण की तरह मित्रता निभानी चाहिए। भगवान श्री कृष्ण रूक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र को सुनकर कथा पंडाल में मौजूद श्रोता भाव विभोर हो गए। कथा के मुख्य श्रोता श्रीमती शकुंतला अवस्थी, सेवानिवृत्त शिक्षक लक्ष्मी प्रसाद रावत रहे जिन्होंने कथा को सात दिवस तक पूर्णता मन लगाकर रसपान किया।

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