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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने श्रीदादाजी आश्रम ट्रस्ट के विरुद्ध दिये जांच के आदेश

मयंक शर्मा

खंडवा १४ अक्टूबर ;अभी तक;  मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खंडवा के अवधूत संत केशवानदं याने बउे दादाजी व हहरिहरानं याने छोटे दादाजी के स्थानीय दादाजी आश्रम ट्रस्ट के विरुद्ध जांच के आदेश दिये है। शुक्रवार को न्यायालय ने
दादा श्रीधूनीवाला आश्रम पब्लिक ट्रस्ट के विरुद्ध लगाई गई पिटीशन पर सुनवाई करते हुये कलेक्टर खंडवा को सात माह की अवधि में प्रकरण के निराकरण के आदेश दिए हैं।

इस संबंध में पिटीशन लगाने वाले आवेदकगण हिमांशु अग्रवाल निवासी इंदौर तथा राकेश थापक निवासी पंजाब कालोनी खंडवा ने बताया कि उन्होने खंडवा कलेक्टर को पत्र लिखकर उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए न्यायिक निराकरण समयावधि में कराने की मांग की है।

शुक्रवार को श्रीदादाजी भक्तों द्वारा उच्च न्यायालय द्वारा विविध प्रकरण क्रमांक 007/बी/113 (4)/2002-2023 लंबित 14 अक्टूबर 2023 न्यायिक निराकरण समयावधि में करने बाबत दायर मिसलेनियस पिटीशन में पारित आदेश की सर्टिफाइड प्रतिलिपि कलेक्टर और एसडीएम कार्यालय में कार्रवाई के लिए प्रस्तुत की गई।

आदेश में उच्च न्यायालय ने कलेक्टर को आदेश प्राप्ति के 15 दिवस में यह स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं कि कलेक्टर को प्राप्त रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट की शक्तियां एसडीएम को शासकीय गजट नोटिफिकेशन से हस्तांतरित की गई हैं या कार्यालयीन मेमो के द्वारा यह किया गया है।अगर यह गजट नोटिफिकेशन से नहीं हुई है तो एसडीएम को ट्रस्ट के प्रकरण सुनने का अधिकार नहीं है। ऐसी परिस्थिति में कलेक्टर को आगामी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए ट्रस्ट के विरुद्ध लंबित प्रकरण को आदेश प्राप्ति के सात महीने के भीतर जांच कर निराकृत करना होगा।

0एक वर्ष से प्रकरण में नहीं हुई कोई प्रगति

17 सितंबर 2022 को एसडीएम कार्यालय में ट्रस्ट के विरुद्ध 16 बिंदुओं पर शिकायतें की गई थीं। श्रीधूनीवाला आश्रम ट्रस्ट पंजीयन क्रमांक 316/वर्ष 1961, वर्किंग ट्रस्टी प्रकाश बाहेती और अन्य के विरुद्ध श्रीदादाजी मंदिर में हो रही वित्तीय, प्रबंधकीय एवं न्यायिक अनियमितता की शिकायत, रजिस्ट्रार पब्लिक ट्रस्ट खंडवा को 17 सितंबर 20222 को अधिवक्ता राकेश थापक, अधिवक्ता प्रणय गुप्ता, अधिवक्ता राहुल बिसेन, अधिवक्ता सुंदर राठौर के माध्यम से की गई थी। इस प्रकरण में विगत एक वर्ष में कोई प्रगति नहीं हुई। ट्रस्टियों द्वारा अभी तक लिखित जवाब दावा तक प्रस्तुत नहीं कराया गया है। इस शिकायत में प्रमाण सहित कई गंभीर बिंदू हैं।

0 ट्रस्ट के विरुद्ध ये की गई थीं शिकायतें

ट्रस्ट के विरुद्ध की गई शिकायतों में मध्य प्रदेश पब्लिक ट्रस्ट एक्ट की धारा 18 और मप्र पब्लिक ट्रस्ट नियम 1962 के नियम 15 का उल्लंघन ट्रस्ट द्वारा रजिस्टर पब्लिक ट्रस्ट को सालाना आय-व्यय का बजट न पेश करना, मप्र पब्लिक ट्रस्ट नियम 1962 के नियम क्रमांक 13 (1) एक का उल्लंघन पांच हजार रुपये से ऊपर के रिपेयर और मेंटेनेंस के लिए निविदाएं आमंत्रित नहीं की गईं।

एक्ट 1951 की धारा 21 का उल्लंघन रजिस्टर पब्लिक ट्रस्ट को ट्रस्ट के वार्षिक रिटर्न स्टेटमेंट जमा नहीं किए गए, मप्र पब्लिक ट्रस्ट नियम 1962 के नियम के अंतर्गत अचल संपत्तियों का रजिस्टर मेंटेन नहीं होना, 2018, 2019, 2020 की आडिट रिपोर्ट में उल्लेखित है कि दीनदयाल नागरिक बैंक में 84 हजार की फिक्स्ड डिपाजिट है। इसका डिपाजिट सर्टिफिकेट ट्रस्ट द्वारा आडिटर को प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। इस तरह करीब 16 बिंदुओं की शिकायतों पर जांच होनी है।

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