देवेश शर्मा
मुरैना 4 दिसम्बर ;अभी तक; सरकारी अस्पताल अंबाह में एक फर्जी एमबीबीएस और एमडी की डिग्री के नाम से फ़र्जी नियुक्त पत्र से करीब पंाच माह से नोकरी कर रहे युवक को अस्पताल प्रवंधन की शिकायत के बाद आज पकड़ लिया गया । ब्लॉक मेडीकल ऑफीसर ये नहीं पता लगा पाये कि ये डॉक्टर असली है या नकली है। फर्जी डॉक्टर की पोल खुलने से पहिले वह करीब 23 दिन बाद गायब हो गया था। बाद में यह मामला उजागर होकर पुलिस के सामने पहुंच था।
थाना प्रभारी अतुल सिंह के अनुसार आरोपी संजय सिंह पुत्र आशाराम निवासी गौसपुर थाना सरायछौला नामक युवक 30 मई को एमबीबीएस, एमडी डॉक्टर के रूप में अपना तबादला आदेश लेकर सिविल अस्पताल अम्बाह पहुंचा और फर्जी नियुक्ति पत्र लगाकर एकआवेदन पत्र जॉइनिंग के लिए ब्लॉक मेडीकल ऑफीसर डॉक्टर डीएस यादव को पेश किया। संजय माहौर को बीएमओ डॉक्टर डी एस यादव ने ज्वाइन कर लिया था । उन्होंने बताया कि फर्जी डिग्री व नियुक्त पत्र के सहारे वह डॉक्टर बनकर लगातार वह मरीजों का उपचार करता रहा ,फर्जी चिकित्सक एमएलसी और पोस्टमार्टम भी करता रहा।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले चिकित्सक की गतिविधियां संदिग्ध होने पर बीएमओ डीएस यादव ने जब उससे डिग्री हासिल करने के असली कागज मांगे तो उक्त युवक करीब 23 दिन पहले गायब हो गया। 23 दिन बाद मंगलवार रात्रि को बीएमओ डॉ डीएस यादव ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
बीएमओ डॉक्टर यादवके अनुसार फर्जी डॉक्टर अम्बाह अस्पताल में 30.05.19 से 08.11.2019 तक मेडीकल ऑफीसर का कार्य फर्जी तरीके से कर रहा था। उक्त फर्जी डॉक्टर ने संजय अहिरवार के नाम पर कांट छांट कर संजय माहौर कर लिया। योग्यता के कॉलम में एमबीबीएस एमडी मेडीसिन लेख किया गया एवं पदस्थापना के कॉलम में टीकमगढ पीएचसी दिगोरा के स्थान पर कांट छांटकर डिस्ट्रिकट हॉस्पीटल क लेख किया गया। पुलिस के अनुसार कल रात्रि में दबिश देकर उक्त युवक को मुरैना से गिरफ्तार कर लिया है। टीआई अतुल सिंह ने बताया कि आरोपी फर्जी डिग्री लेकर अम्बाह अस्पताल में नोकरी कर रहा था।उसे धोखाधड़ी के अपराध मैं गिरफ्तार कियागयाहै।उसे पूछताछ के बाद कल न्यायालय में पेश किया जायेगा।
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